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अंबानी जैसे उद्योगपति नहीं चुका पा रहे लोन, बैंकों ने माफ कर डाले 12 लाख करोड़ रुपये, SBI सबसे आगे

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17/दिसम्बर  डीडी न्यूजपेपर । Loans Written Off: एक तरफ बड़े-बड़े उद्योगपति डिफॉल्टर हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बैंक लोन की रकम को माफ कर रहे हैं। इससे बैंकों पर दबाव बढ़ रहा है। सरकार ने एक जानकारी दी है कि पिछले 10 साल में बैंकों ने करीब 12 लाख करोड़ रुपये का लोन माफ किया है। इनमें सरकारी बैंकों ने सबसे ज्यादा लोन माफ किया है।पिछले 10 साल में बैंकों ने 12 लाख करोड़ का लोन माफ किया है लोन माफ करने में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सबसे आगे है यह जानकारी सरकार ने संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी थी LoanAI Forecast of SBI Share Price with 91.83% Accuracy RateAICMY सरकारी बैंकों ने किया लोन सबसे ज्यादा माफ नई दिल्ली: अनिल अंबानी, जिंदल और जयप्रकाश जैसे उद्योगपति लोन की रकम को चुका नहीं पा रहे हैं। इससे बैंकों पर बोझ लगातार बढ़ रहा है। पिछले 10 साल में बैंकों ने 12 लाख करोड़ रुपये का लोन माफ किया है। वहीं पिछले 5 साल में कर्ज माफी की आधे से ज्यादा रकम सरकारी बैंकों की है। लोन माफ करने में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) सबसे आगे है।टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक वित्त वर्ष 2015 से वित्त वर्ष 2024 के बीच बैंकों ने कुल 12.3 लाख करोड़ रुपये के लोन माफ किए गए हैं। संसद में पूछे गए सवालों के जवाब में सरकार ने यह जानकारी दी। सरकार की ओर से मुहैया कराए गए डेटा के अनुसार इसमें से 53% या 6.5 लाख करोड़ रुपये पिछले पांच वर्षों (वित्त वर्ष 20-24) में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (सरकारी बैंक) ने माफ किए।लोन नहीं चुका पाए अंबानी, जिंदल, जेपी समेत कई उद्योगपति, NPA में टॉप 100 डिफॉल्टर की हिस्सेदारी 40% से ज्यादा

लोन न चुका पाने वालों में अनिल अंबानी भी

(द इंडियन एक्सप्रेस) की एक रिपोर्ट के मुताबिक टॉप 100 डिफॉल्टरों के पास कुल एनपीए का 43 फीसदी हिस्सा है। द इंडियन एक्सप्रेस ने यह जानकारी आईटीआर के माध्यम से जुटाई है। इसमें बताया गया है कि लोन न चुका पाने वालों में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड भी शामिल है। साथ ही इसमें जिंदल और जेपी ग्रुप की भी कंपनियां हैं।सरकारी बैंकों की स्थिति 2023 में कुछ सुधरी बैंकों की ओर से लोन माफ किए जाने की दर वित्त वर्ष 2019 में 2.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई। वहीं वित्त वर्ष 2024 में यह 1.7 लाख करोड़ रुपये के सबसे निचले स्तर पर आ गई थी। उस समय बकाया कुल बैंक लोन का करीब 165 लाख करोड़ रुपये का केवल एक फीसदी था। सरकारी बैंकों के पास वर्तमान में कुल लोन का का 51% हिस्सा है, जो वित्त वर्ष 2023 के 54% से कम है।एनपीए के मामले में भी सरकारी बैंक आगे एनपीए के मामले में भी सरकारी बैंक आगे हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 30 सितंबर 2024 तक सरकारी बैंकों का एनपीए 3,16,331 करोड़ रुपये और प्राइवेट बैंकों का एनपीए 1,34,339 करोड़ रुपये था।लोन माफी में एसबीआई सबसे आगे;जिन बैंकों ने लोन माफ किया है, रकम के हिसाब से उनमें एसबीआई सबसे आगे है। एसबीआई ने इन 5 वर्षों में करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये माफ किए। दूसरे नंबर पर पंजाब नेशनल बैंक है। वहीं तीसरे नंबर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, चौथे पर बैंक ऑफ बड़ौदा और पांचवें पर बैंक ऑफ इंडिया है।बिना कुछ गिरवी रखे अब दो लाख रुपये तक का मिलेगा लोन, RBI ने दिया किसानों को नए साल का तोहफाबट्टे खाते में डाली बड़ी रकम लोन की रकम को बट्टे खाते में डालने के मामले में भी सरकारी बैंक काफी आगे हैं। एसबीआई ने इन 5 वर्षों में करीब 2 लाख करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले। वहीं पंजाब नेशनल बैंक ने 94,702 करोड़ रुपये के लोन बट्टे खाते में डाले। चालू वित्त वर्ष के दौरान सितंबर के अंत तक सरकारी बैंकों ने पिछले 5 वर्षों के 6.5 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 42 हजार करोड़ रुपये के लोन बट्टे खाते में डाले हैं।

लोन कब होता है माफ?

चौधरी ने कहा कि बैंक आरबीआई के दिशा-निर्देशों और बैंकों के बोर्ड की ओर से स्वीकृत नीति के अनुसार, चार साल पूरे होने पर एनपीए को राइट-ऑफ करते हैं। इस तरह के राइट-ऑफ से उधारकर्ताओं की देनदारियों की छूट नहीं मिलती है। इससे उधारकर्ता को कोई लाभ नहीं होता है📍देश और विदेश की ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi News लाइफस्टाइल दोआबा दस्तक न्यूजपेपर