PunjabBreaking NEWSJalandharLatest newsNewsPoliticsTOP STORIESTrending

फसलों पर कुदरत का पथराव…पंजाब के कई शहरों में गिरे ओले, पिछले साल के मुकाबले कटाई धीमी, 2022 की तुलना में 40 लाख टन कम गेहूं मंडी में पहुंची

Spread the News

Doaba Dastak News Jalandhar

मौसम ने एक बार फिर से किसानों पर कहर ठाया है। वीरवार को हुई ओलावृष्टि से गेहूं सहित सब्जी और बागों को नुकसान पहुंचा है। मौसम की बेरुखी के चलते इस बार पहले से ही कटाई का काम धीमा चल रहा है। 24 मार्च को आई आंधी और बारिश से पहले ही पंजाब में 50 फीसदी से ज्यादा फसल गिर गई थी। बीतों कुछ दिनों से निकली धूप से किसानों को उम्मीद जगी थी कि दाना रिकवर होगा लेकिन इस ओलावृष्टि ने और भी नुकसान कर दिया। अब कटाई 5 से 6 दिन और लेट हो जाएगी जिससे धान का सीजन भी प्रभावित होगा। बता दें कि पिछले साल 20 अप्रैल तक प्रदेश की मंडियों में 47 लाख टन गेहूं पहुंच चुका था जो इस साल केवल 7 लाख टन ही है। तस्वीर साफ है कि 2022 के मुकाबले इस साल 40 लाख टन कम दाना मंडी में पहुंचा है।

धीमी लिफ्टिंग से मंडी के बाहर भीग रहा गेहूं, अभी 75 फीसद नहीं हो पाया है लिफ्ट

मंडियों में हाल यह है कि कई जगह ढुलाई के ठेके होने के बावजूद मजदूरों में विरोध है जिससे काम प्रभावित हो रहा है। इसका नतीजा यह निकला कि अभी तक जितना गेहूं मंडी में आया है उसका 25 फीसदी ही उठाया जा सका है। 75 फीसद अनाज या तो शेड के नीचे या फिर खुले फड़ों में पड़ा है। इससे बारिश में यह गेहूं भीग रहा है। पिछले साल से तुलना करें तो लिफ्टिंग धीमी चल रही है।

35 लाख हेक्टेयर में गेहूं उगाई जाती है पंजाब में

पंजाब में करीबन 35 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती होती है। देश का अन्न भंडार भरने के लिए सबसे ज्यादा योगदान पंजाब का ही रहता है। इस बार मौंसम की बेरुखी जिस हिसाब से चल रही है उससे उत्पादन 30 फीसद तक कम रहने की उम्मीद है। 180 लाख मीट्रिक टन के करीब हम गेहूं का उत्पादन करते हैं जिससे हमारे किसानों के हिस्से 28 हजार करोड़ रुपए आते हैं।

लीची, आम की फसल भी प्रभावित होगी, महंगे रह सकते हैं दोनों फ्रूट

पहले आंधी और अब ओलों से बागों को नुकसान पहुंचा है। 15 से 20 फीसदी फसल को मौसम ने प्रभावित किया है। आम इस वक्त पूरे बूर पर हैं और लीची भी। कई जगह पेड़ों पर छोटा फल आ चुका है। ओलों की चोट से दोनों फ्रूट को नुकसान पहुंचा है जिससे मार्केट में इन दोनों फ्रूट की कीमत तेज रह सकती है। बता दें कि पठानकोट, गुरदासपुर की कुछ बेल्ट लीची के मशहूर है और हजारों एकड़ में लीची के बगीचे हैं। वहीं होशियारपुर बेल्ट आम के लिए जानी जाती है। इस बार आम पर भरपूर बूर था जिससे बंपर फसल होने की उम्मीद थी।

 

टमाटर, खीरा, करेला, लौकी को भी नुकसान

ओलों और बारिश से पटियाया के सनौर और फतेहगढ़ साहिब जिले में सब्जी की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। यहां टमाटर की खेती पहले से ही प्रभावित हो गई थी। अब इस समय भिंडी, खीरा, लौकी सहित अन्य बेल बाली सब्जियां तैयार थीं जिन्हें बारिश और ओले प्रभावित कर रहे हैं। बता दें कि पटियाला औऱ फतेहगढ़ सब्जी और फूलों की खेती से लिए पंजाब में सबसे आगे हैं।