बावा कालोनाइजर का कारनामा, अवैध कालोनी काटी फिर बना दी दुकानें
दोआबा दस्तक न्यूजः जालंधर में अवैध इमारतें बनाने वाले बिल्डर्स के हौंसले इतने बुलंद हो गए हैं कि उन्हें सरकारी नियमों की कोई परवाह नहीं है। इसका एक मुख्य कारण ये भी है कि निगम के अधिकारी भी इस मामले में पूरी तरह से लापरवाही बरत रहे हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में महानगर में अवैध निर्माण की बाढ़ सी आ गई है। लोकसभा उपचुनाव के दौरान पिछले करीब दो माह से लगभग सभी प्रशासनिक अफसर चुनाव प्रक्रिया में व्यस्त रहे। इस दौरान अवैध इमारत के मालिकों ने जमकर लाभ उठाया। कई जगह देखते ही देखते पूरी की पूरी बिल्डिंग तैयार कर दी गई।
शहर को दोकोहा के पास बावा नामक कालोनाइजर ने भी कुछ ऐसा ही कारनामा किया है। इस कालोनाइजर ने अवैध कालोनी काटने के साथ ही बाहर की तरफ अवैध दुकानों का भी निर्माण कर लिया है। पहले तो कारपोरेशन के अधिकारी यही कहते थे कि वे उपचुनाव की तैयारी में व्यस्त हैं। लेकिन अब चुनाव संपन्न होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। वहीं दूसरी तरफ आम आदमी हल्की सी भी लापरवाही करे तो निगम टीम पूरे लाव-लश्कर के साथ वहां पहुंच जाती है और डिच चलाने लग जाती है। ऐसे में समझ से परे है कि इस विशेष कालोनाइजर पर अधिकारी इतनी दया क्यों दिखा रहे हैं। इलाके में चर्चा तो यहां तक है कि उक्त कालोनाइजर की विभाग में अच्छी खासी सेटिंग है। यही कारण है कि पर्दे के पीछे से ही पूरी गेम बदल जाती है और इधर पूरी इमारत तैयार हो जाती है।
पुडा व निगम में कई कालोनियां काटीं
दरअसल इस कालोनाइजर ने कई अन्य जगह भी कालोनियां काटी हैं। जहां पर सरकार को भारी राजस्व का नुकसान पहुंचाया है। अब ये बात समझ से परे है कि अफसर अपनी जेबें गर्म करने के लिए सरकार के राजस्व को क्यों नुकसान पहुंचा रहे हैं।
अमर पैलेस के सामने है दफ्तर, पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
जानकारी मुताबिक उक्त कालोनाइजर का अमर पैलेस के सामने ढिल्लों पैलेस के पीछे दफ्तर है। निगम टीम की ओर से इस कालोनाइजर की कई अन्य कालोनियों पर भी कार्रवाई हुई है। लेकिन इस जगह पर कार्रवाई से इस बात के भी संकेत मिलते हैं कि कहीं इस कालोनाइजर की निगम के अधिकारियों से सेटिंग तो नहीं हो गई।
राजनीतिक मंशा के बगैर ऐसे काम होने संभव नहीं
जब भी कहीं अवैध निर्माण होता है तो उसके पीछे कहीं न कहीं राजनीतिक लोगों का हाथ निकलता है। या किसी न किसी की शह पर निर्माण हो रहा होता है। सरेआम रोड पर अवैध निर्माण हो रहा हो और कोई रोके भी नहीं तो इसका साफ मतलब है कि दाल में कुछ काला जरूर है। अवैध निर्माण होना जालंधर सिटी में नया नहीं है। इससे पहले भी यहां अवैध निर्माणों को लेकर चर्चा रही है।