नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में दोषी को हुई 20 वर्ष की सज़ा
लुधियाना: जिले में पोक्सो विक्टिम परिवारों को इंसाफ दिलाने हेतु कार्यरत “लॉ पावर एसोसिएशन” के बाल अधिकार वकील योगेश प्रशाद तथा बाल अधिकार कार्यकर्ता व लॉ पावर एसोसिएशन के सह – संस्थापक दिनेश कुमार ने जिला लुधियाना में पोक्सो विक्टिम परिवारों को कानूनी सहायता उपलब्ध करवाने का काम किया है।
ऐसा ही एक मामला 2020 में थाना कूम कलां, लुधियाना में दर्ज किया हुआ था, जिसमे विक्टिम परिवार व 24 वर्षीय दोषी एक ईंट भट्ठे पर काम करते थे, विक्टिंम का पिता बाजार कुछ समान लेने गया था और मां घर पर ही सब्जी बना रही थी और विक्टिम अपने भाई बहन के साथ कमरे के बाहर खेल रही थी। दोषी ने बच्ची को टॉफी का लालच देकर भट्ठे में ही ईंटो के ढेर में ले जा कर बच्ची के साथ दुष्कर्म किया, ये बात बच्ची के भाई ने मां को बताई तो सब लोग बच्ची को खोजने लगे, सभी के आने पर दोषी वहां से फरार हो गया। इसके बाद परिवार ने पुलिस में शिकायत दी और मामला लॉ पावर एसोसिएशन के पास पहुंचा। जिसके बाद दोषी के खिलाफ IPC 376-AB व POCSO की धारा 6 में मामला दर्ज किया गया। पीड़ित परिवार के वकील व लॉ पावर एसोसिएशन के संस्थापक “एडवोकेट योगेश प्रशाद” ने बताया कि एडीजे अमरजीत सिंह छोटे बच्चो के यौन शोषण के मामलों को बहुत गंभीरता से लेते है, वे ऐसे दोषियों को सख्त से सख्त सजा दे कर समाज से अपराध खत्म करने की दिशा में कार्य कर रहे है। इस केस में सरकारी वकील बी डी गुप्ता जी के सहयोग व संस्था लॉ पॉवर एसोसिएशन के वकील योगेश प्रशाद की कड़ी मेहनत से एडीजे अमरजीत सिंह जी ने दोषी को 20 वर्ष की सजा व 190000 का जुर्माना लगाया।
संस्था लॉ पावर एसोसिएशन के सह संस्थापक श्री दिनेश कुमार ने बताया कि उनकी संस्था के पास लगभग 140 के करीब पोक्सो केस है, जिनमे वे पीड़ित परिवारों को मुफ्त कानूनी सहायता व समाजिक कार्यकर्ता उपलब्ध करवाते है, जिससे पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद दिलाई जा सके। बाल अधिकार कार्यकर्ता दिनेश कुमार ने कहा कि बच्चों के साथ ऐसी घिनौनी हरकत करने वालो के खिलाफ ऐसी ही सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए और उनके साथ कोई नरमी नही बरती जानी चाहिए। संस्था लॉ पावर एसोसिएशन ने एडीजे अमरजीत सिंह व सरकारी वकील बी डी गुप्ता जी का सख्त सजा सुनाने पर आभार व्यक्त किया और कहा कि ऐसी सजा इस प्रकार के अभियुक्तों का अनुकरण करने का प्रयास करने वालों पर प्रभाव डालती है। ये समाज के लिए एक मजबूत संदेश है ताकि इस समस्या का निवारक उपाय हो सके।