बैकफुट पर गौतम अदानी 20000 करोड रुपया लौटएंगे निवेशकों को
ब्यूरो 2 फरबरी । (रिची रोहित) । गौरतलब है कि गौतम अडानी की अप्रत्याशित बढ़ती हुई संपत्ति के संबंध में 31 दिसंबर 2022 को हमने दोआबा दस्तक जालंधर में यह खबर प्रकाशित की थी | जिस में विस्तार से हमने यह बताया था कि कब-कब उनकी कितनी संपत्ति अप्रत्याशित रूप से बड़ी है | जिसमें हमने आशंका जाहिर की थी की बिना किसी गड़बड़ झाले के इतनी ग्रोथ नहीं हो सकती | उसके लगभग 23 दिन बाद यानी 24 जनवरी को विदेशी निवेशक हिडनबर्ग रिसर्च एलएलसी कंपनी ने जो कि न्यूयॉर्क स्थित है,अदानी पर वित्तीय घोटाले का आरोप लगाया है | उसने कहा कि अडानी के ना केवल स्टॉक 85% ओवर वैल्यू है बल्कि उसने कंपनी के अकाउंट्स में भी गड़बड़ी की है | वह यहीं नहीं रुके उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत है | इस रिपोर्ट के बाद अब तक अदानी को हजारों करोड रुपए का घाटा सहन करना पड़ रहा है | हालांकि अडानी ने सारे आरोपों से इनकार किया है और उसके जवाब में 413 पेज का जवाब भेजा है | यह जानना आवश्यक है कि अडानी की कंपनी में ना केवल बैंकों का बल्कि एलआईसी का भी पैसा लगा हुआ है | कंपनी के स्टॉक को घाटा होने के कारण एलआईसी को भी हजारों करोड़ का घाटा हो चुका है | अदानी की नेट वर्थ में 13 अरब डालर की कमी 24 घंटे में ही आ गई | इस रिपोर्ट के आने से पहले अदानी दुनिया के चौथे अमीर आदमी थे, लेकिन अब वह दुनिया के अमीर व्यक्तियों की सूची में 15 नंबर पर आ गए हैं | यदि विदेशी संस्था की यह रिपोर्ट सही सिद्ध होती है तो यारा सवाल उठने लाजमी होंगे कि अपनी देश की सारी संस्थाएं क्या सोई हुई थी ? सेबी, आरबीआई, ईडी सीबीआई | दूसरी तरफ वह बैंक जिन्होंने कैसी ? जांच पड़ताल करके उन्हें लोन दिया एलआईसी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया |
1 फरवरी 2023 को ही यह निर्णय किया गया है कि अदानी द्वारा एफपीओ ( फॉलो ऑन पब्लिक ) से जुटाया गया 20000 करोड रुपया वह निवेशकों को लौटा देगा, जो कंपनी ने 31 जनवरी 2023 को ही मार्केट से इकट्ठा किया था |सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि कंपनी की इंटरनल इंक्वायरी सेबी द्वारा की जा सकती है | वही ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्विस लेंडर क्रेडिट सोइस ग्रुप की प्राइवेट बैंक इकाई ने अदानी पोर्ट एंड स्पेशल इकोनामिक जोन, अदानी ग्रीन एनर्जी, अदानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड की तरफ से बेचे गए जीरो लैंडिंग वैल्यू दी है | जबकि पहले अदाणीपोर्ट्स नोट्स के लिए इन्होंने 75% लैंडिंग वैल्यू ऑफर की थी | बरहाल पाठकों के लिए गौर करने लायक तथ्य यह है कि हमने 31 दिसंबर 2022 को अपनी खबर में बताया था कि जो जादुई चिराग इस बिजनेसमैन की हाथ लगा वह और किसी के हाथ आज तक नहीं लगा | अमीर को और ज्यादा अमीर बनाना सरकार की किस पॉलिसी के तहत आता है ! और आवश्यकता से अधिक देश के संसाधन एक ही व्यक्ति को सौंपना देश को भारी पड़ सकता है | विदेशी संस्थान ने 88 सवाल अडानी से पूछे अब जिसका जवाब देते उनसे बन नहीं रहा | अब एसपीओ यानी 20000 करोड जो निवेशकों को लौटाया जाना है इससे मार्केट में और अडानी के स्टॉक्स में और ज्यादा गिरावट आने वाले समय में देखने को मिल सकती है | वही कुछ विशेषज्ञ इस खुलासे को अडाणी के खुद के टीवी इंटरव्यू से भी जोड़कर देख रहे हैं जो कुछ दिन पहले उन्होंने दो प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनलों और कुछ अखबारों को दिया था | अब देखना दिलचस्प होगा की ज्यादातर विपक्ष के नेताओं और समर्थकों के ऊपर रेड मारने वाली ईडी सीबीआई इनकम टैक्स आदि अडानी के कितने ठिकानों पर छापेमारी करती है |