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पंजाब की राजनीति को बोहड़ परकाश सिंह बादल का 95 साल की उम्र में निधन

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Doaba Dastak News कई दिनों से अस्पताल में भर्ती और पंजाब की राजनीति, अकाली दल, अकाली लहर के थंब रहे बड़े बादल नहीं रहे। वह 95 साल के थे। देर शाम उनकी मौत की सूचना मिला है। हालांकि अभी परिवार के किसी सदस्य ने इसकी पुष्टि नहीं की है। सुखबीर बादल की तरफ से भी अभी कोई बयान नहीं आया है। वह इससे पहले भी कई बार अस्पताल में दाखिल हो चुके थे। लेकिन हमेशा ठीक होकर घर लौटते थे। वह सबसे लंबे समय तक पंजाब की राजनीति में सक्रिय अकेले जिंदा व्यक्ति थे। पांच से ज्यादा बार उन्होंने पंजाब का नेतृत्व किया और सीएम रहे। बेदाग राजनीति के लिए और कौम के लिए काम करने के लिए जाने जाते परकाश नहीं बादल पर हालांकि अंतिम समय में बेअदबी का दाग लगा लेकिन कोर्ट ने भी उनके साथ नरमी बरती थी। उनका हर पार्टी में बराबर सम्मान था।

अकाली लहर से लेकर आधुनिक पंजाब, बिजली में आत्मनिर्भर बनाने के लिए जाना जाएगा उनको

अकाली दल अकाली लहर से निकली पार्टी है। बड़े बादल राजनीति के बादशाह थे। गेम को अंतिम समय से कैसे घुमा सकते हैं यह सब पैंतरे उनको आते थे। भाजपा के साथ लंबे समय तक उनकी पार्टी गठबंधन में रही। भाजपा के पूर्व औऱ स्व. प्रधानमंत्री वाजपेयी के साथ उनके मधुर संबंध रहे। प्रधानमंत्री मोदी के राज में कृषि कानूनों के बाद पार्टी ने गठबंधन तोड़ा। पंजाब को अच्छे रोड देने और बिजली के लिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़े बादल को हमेशा याद किया जाता रहेगा।

हाल ही में भाजपा से अमित शाह औऱ राजनाथ सिंह ने जाना हालचाल

अभी दो दिन पहले ही जब बड़े बादलत की तबीयत ज्यादा बिगड़ने की सूचना मिली तो बड़े बादल का हाल गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल पूछा था। कोई भी दल हो लेकिन उनकी सेहत की सबको चिंता थी। पंजाब जो जितने अच्छे से बादल समझते थे शायद ही कोई समझता हो। अंतिम क्षणों में कई राजनीतिक और धार्मिक कारणों से उनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।