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केजरीवाल का कार्यक्रम करने आई पत्रकार को मिली अंतरिम जमानत…

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दोआबा दस्तक न्यूजः एससी/एसटी एक्ट में पत्रकार भावना गुप्ता को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के एक दिन बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें सोमवार तक अंतरिम जमानत दे दी है। शनिवार शाम को विशेष सुनवाई के बाद जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह ने यह आदेश जारी किया।

लुधियाना निवासी भावना व दो अन्य ने शुक्रवार को एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधानों और आईपीसी के प्रावधानों के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था।

याचिका में दावा किया गया था कि यह मामला राजनीतिक के अलावा कुछ नहीं था। जिस समाचार चैनल के लिए वह काम कर रही थी, वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 45 करोड़ रुपये की लागत से उनके आधिकारिक आवास के निर्माण/पुनर्निर्माण के लिए रिपोर्टिंग कर रहा था। जवाबी हमले के रूप में और समाचार चैनल को सबक सिखाने के लिए मामला दर्ज करवाया गया है। याची के खिलाफ दर्ज मामला झूठा है और वह निर्दोष हैं।

यह था मामला

आप संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के मोहल्ला क्लीनिक के उद्घाटन समारोह को कवर करने दिल्ली से लुधियाना आई एक निजी चैनल की महिला पत्रकार को थाना डिविजन तीन पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया था।

पुलिस ने टीवी चैनल के कैमरामैन के साथ गाड़ी के ड्राइवर को भी गिरफ्तार किया। इन पर आरोप है कि उन्होंने गाड़ी से एक महिला को टक्कर मारी और उसे जाति सूचक शब्द भी कहे। इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग ने डीजीपी से व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर मामले की जांच कराने का निर्देश दिया है। पत्रकार की गिरफ्तारी के बाद पंजाब सरकार को विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की।

लुधियाना के वाल्मीकि घाटी निवासी 50 वर्षीय गगन ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह 5 मई को हरचरणनगर में खोले गए मोहल्ला क्लीनिक के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने जा रही थी। जब वह नीलम रानी और श्रृद्धा के साथ शृंगार सिनेमा कट के पास ई-रिक्शा से उतरने लगी तो सफेद इनोवा गाड़ी के चालक ने उन्हें साइड से टक्कर मार दी। इसमें उनके दाएं हाथ में चोट आई और मोबाइल फोन टूट गया। इसके बाद इनोवा कार चालक बहस करने लगा, उसने जातिसूचक शब्द भी कहे। उसी दौरान वहां भीड़ इकट्ठी हो गई और पुलिस पहुंच गई।

विपक्षी दलों ने उठाए सवाल
दिल्ली की महिला पत्रकार पर कार्रवाई को लेकर विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पंजाब सरकार मीडिया निशाना बना रही है। सच्चाई की आवाज को दबाया जा रहा है। सांसद रवनीत सिंह बिट्टू देर रात करीब 11 बजे थाना डिविजन तीन के बाहर पहुंच गए। बिट्टू ने आरोप लगाया कि महिला पत्रकार दिल्ली के मुख्यमंत्री की सच्चाई दिखाने के लिए उनसे सवाल करने के लिए आई थी। वह सीएम केजरीवाल से मिलना चाहती थी, लेकिन पंजाब सरकार ने उसे गिरफ्तार करवा दिया।

महिला आयोग ने जांच कराने का दिया आदेश
इस बीच, मामला राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के पास पहुंचा तो उन्होंने पंजाब के डीजीपी से इसमें व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने और मामले की जांच कराने को कहा है। आयोग ने इस केस से जुड़ी एफआईआर की कॉपी और इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई से जुड़ी रिपोर्ट चार दिन में आयोग को भेजने के निर्देश दिए हैं।

पत्रकार यूनियन ने गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया
पंजाब एंड चंडीगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन ने टाइम्स नाऊ की महिला पत्रकार भावना कुमारी और उनके साथियों की गिरफ्तारी को गैर कानूनी बताया है। यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह जंडू, चेयरमैन बलविंदर सिंह जम्मू, उप प्रधान जय सिंह छिब्बर और सचिव गगनदीप अरोड़ा ने इस घटना की निंदा करते हुए तीनों लोगों को तुरंत रिहा करने की मांग की है। यूनियन नेताओं ने कहा कि यह प्रेस की आजादी पर सरेआम हमला है और यूनियन इस मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के पास ले जाएंगे ।