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जालंधर सूची पिंड के पास नाजायज तरीके से बन रहे दो दर्जन से ज्यादा क्वार्टर 

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जालंधर 15, सितंबर (ब्यूरो ) जालंधर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के नए बने कमिश्नर वैसे तो जो शहर में कमर्शियल काम हो रहे हैं जालंधर में उनके सख्त खिलाफ है दूसरी तरफ उनके ही डिपार्टमेंट के कुछ करप्ट अधिकारी जिनकी छत्रछाया में लंबा पिंड चौक के पास स्पीडवेज फैक्ट्री के साथ नाजायज तौर पर 1/50 दर्जन के करीब क्वार्टर बन रहे हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि इसी मलिक के यह नए क्वार्टर के साथ ही एक दर्जन से ऊपर क्वार्टर और बने हुए हैं जो पहले से ही बने हुए हैं और उनके साथ ही यह नए क्वार्टर बना रहा है क्या कारपोरेशन के अधिकारी अपने दफ्तरों से बाहर निकाल कर फील्ड में नहीं उतरते या जिस चीज की इनको कंप्लेंट की जाए वहां पर भी जाते हैं और अपनी सेटिंग करके आ जाते हैं या फिर कॉम्प्लेंटेड का नाम और मोबाइल नंबर बता देते हैं कि इनसे बात करो और अपनी कंप्लेंट वापस लो इसे तो सीधा-सीधा कॉरपोरेशन जालंधर को मोटा चूना लग रहा है क्योंकि ना ही क्वार्टरों की एनओसी मिलती है और क्वार्टर कमर्शियल में आते हैं वैसे तो इस वक्त प्रॉपर्टी टैक्स काफी इकट्ठा हो रहा है पर इस नाजायज तरीके से हो रही कंस्ट्रक्शन पर भी थोड़ी नजर डाली जाए एरिया के इंस्पेक्टर अजय को जब कभी फोन करते हैं तो या तो वह फोन नहीं उठाते अगर उनके व्हाट्सएप पर संबंधित कंप्लेंट भी डाल दी जाए साथ में लोकेशन कि यहां पर नाजायज तरीके से कोई काम चल रहा है उसे पर भी यह नजर नहीं डालते कहीं ऐसे मामले उनको हम डाल चुके हैं जिसकी हमारे पास फोटो तक पड़ी है दीवारों से पहले उनको कंप्लेंट की थी और वहां पर दूसरी मंजिल तक बन चुकी है पर अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई वैसे ही यह क्वार्टर होंगे कि आखिर क्यों नगर निगम के अधिकारी ऐसे नाजायज नाजायज तौर पर बन रहे (क्वार्टरों) बिल्डिंगों के ऊपर कार्रवाई नहीं करते या फिर अपनी मर्जी से ही काम करते हैं ऐसे क्वार्टर में सेफ्टी तो दूर की बात अगर कभी कोई भी ऐसी अनहोनी हो जाए तो वहां पर कई जाने जा सकती हैं क्योंकि एक साथ लाइन में कितने ही क्वार्टर बने होते हैं पर क्वार्टर मलिक सरकार को चूना लगाकर अपनी जेब गर्म करते हैं और सरकार के नियमों को सिक्के में तंगते हैं ना ही किसी की सुनते हैं यहां तक की इस मलिक ने बाहर अपनी ही किराने की दुकान खोल रखी है जिससे वह जितने भी क्वार्टर है उन सभी को राशन देता होगा और पर क्वार्टर के हिसाब से हिसाब लगे तो महीने के लाखों रुपए बिना टैक्स दिए यह अपनी जेब में डाल रहे हैं इससे दोनों को चूना लगा रहा है टैक्स न भरकर भी और कॉरपोरेशन को भी टैक्स न भरकर अब देखना यह है कि क्या कॉरपोरेशन जालंधर इस पर कोई कार्रवाई करती है या फिर अपनी सेटिंग करती है