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मोहनदास स्कूल की मैनेजमेंट का दिल हुआ पत्थर, 3 बच्चों को नहीं घुसने दिया स्कूल में, आरटीई एक्ट की भी धज्जियां उड़ाई

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मैनेजमेंट सदस्य बोले – मैं पेशे से वकील हूं कानून अच्छी तरह जानता हूं, राइट टू एजुकेशन चाहिए तो सरकारी स्कूल में पढ़ाई बच्चे

Doaba news Jalandhar

सूबे में शिक्षा का ढांचा बदलने और हर गरीब बच्चे को शिक्षा देने का वादा करके सत्ता में आई आप सरकार के राज में भी स्कूल जंगलराज चला रहे हैं। हाथी के दांत दिखाने को और खाने को और वाली कहावत पर चलते हुए आप की विचारधारा दिल्ली में किसी और तरीके से और पंजाब में किसी दूसरे तरीके से काम कर रही है। दिल्ली में सरकारी शिक्षा का स्तर सुधरा है लेकिन पंजाब में शुरुआत में ही स्कूलों की मनमानी या सामने आ रही हैं। ऐसा ही एक वाक्य सामने आया स्वामी मोहनदास स्कूल में, जहां स्कूल के गेट से तीन मासूमों को लौटा दिया गय। ऐसा करके ना केवल स्कूल मैनेजमेंट ने राइट टू एजुकेशन एक्ट का उल्लंघन किया बल्कि शिकायत के बावजूद शिक्षा विभाग ने स्कूल के खिलाफ कोई भी एक्शन नहीं लिया। मायूस होकर घर लौटे इन 3 बच्चों का दिल शायद यही कह रहा हूं कि क्या यही आप सरकार की शिक्षा का ढांचा है।
स्कूल में 2023 का शिक्षा सत्र शुरू होने पर मकसूदा के स्वामी मोहनदास मॉडल स्कूल गए मासूम बच्चों को 6 अप्रैल को स्कूल के गेट के अंदर ही प्रवेश नहीं करने दिया गया। गेट पर पूछने पर बताया गया कि तुम तीनों बच्चों का प्रवेश बंद किया गया है। अब से तुम्हें स्कूल में पढ़ने नहीं लिया जाएगा। आज 3 दिन बीतने के बाद भी डीईओ ने स्कूल के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।

मोदी की शिक्षा पर सवाल और खुद के स्वतंत्र राज वाले राज्य में बुरा हाल

कॉन्ग्रेस वामदलों और आम आदमी पार्टी के निशाने पर इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिक्षा का मुद्दा हावी है। सभी दल प्रधानमंत्री को अपने सर्टिफिकेट और डिग्रियां दिखाने के लिए कह रहे हैं। अगर बात आपकी करें तो पार्टी के पास पंजाब पहला राज्य है जहां पर आप बहुमत से सत्ता में है। यहां लोग किताबों के लिए मची लूट और स्कूलों की मनमानी फीस पर लगाम के लिए आप सरकार की तरफ देख रहे हैं वही जालंधर के एक स्कूल में छात्रों को ना जाने देने से पार्टी की दोहरी नीति सामने आती है। अपने बच्चों को स्कूल में प्रवेश कराने की गुहार लेकर पेरेंट्स नेहरू गार्डन स्थित डीईओ दफ्तर में गए लेकिन वहां से भी उनको निराशा हाथ लगी यानी पंजाब सरकार के अफसर भी उनको प्रवेश दिलाने में लाचार नजर आ रहे हैं।

सूबे में शिक्षा के अधिकार की उड़ रही धज्जियां

बच्चों की मां सुप्रीत कौर ने बताया कि वह डीईओ से मिलने गई थी, लेकिन उनकी बात को गंभीरता नहीं लिया उल्टा स्कूल का पक्ष लिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन पर दबाव डाला जा रहा है कि आप अन्य स्कूल में बच्चे पढ़ा लो। एक अन्य बच्चे के अभिभावक मलकियत सिंह ने कहा कि जनता के पैसे से अपने परिवार का पोषण करने वाले सरकारी अफसर ईमानदारी से अपनी ड्यूटी ना निभाकर प्राइवेट स्कूलों से कथित तौर पर बफादारी निभा रहे हैं । इसका प्रमाण उसी दिन मिला जिस दिन बच्चों को उनके अधिकारों के बावजूद स्कूल में एंट्री नहीं दी गई और उसी समय जिला शिक्षा अफसर एलीमेंट्री कार्यालय द्वारा अप्रत्यक्ष तौर पर स्कूल की मदद करते हुए पत्र संख्या नंबर/आरटीआई 2023 100567 तिथि 6 अप्रैल 2023 जारी किया गया। यह पत्र दर्शाता है कि एक्ट 2016 के सेक्शन 2जी और रूल 6 के अनुसार अभिभावक स्कूल में एनुअल चार्जिज जमा करवाने के पाबंद है।

मैनेजमेंट से बात करते हैं तो पुलिस से धमकाया जाता है

मलकीत सिंह बताते हैं कि स्वामी मोहन दास से मॉडल स्कूल द्वारा कई तरह से परेशान किया जा रहा है। अभिभावक मलकियत सिंह ने बताया कि उन्हें आए दिन पुलिस प्रशासन से धमकी आती रहती है कि परचा दर्ज करवा देंगे। उन्होंने बताया कि हमने बच्चों को स्कूल में पढ़ा कर कोई गुनाह कर दिया है क्या जो पुलिस वाले धमकी दे रहे हैं। उन्होंने पंजाब के शिक्षा मंत्री, पुलिस कमिश्रर जालन्धर और सीबीएसई बोर्ड को भी शिकायत भेजी है। उन्हें उम्मीद है कि उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा।

सरकार ने कहा 10 परसेंट से ज्यादा नहीं बढ़ा सकते स्कूल यहां 27% तक बढ़ा दी फीस

स्वामी मोहन दास मॉडल स्कूल मैनेजमेंट पर आरोप है कि इसने नए शिक्षा सत्र 2023-24 में फीस में अप्रत्याशित वृद्धि की है। स्कूल ने इस वर्ष लगभग 27 प्रतिशत फीस बढ़ाकर सरकार के आदेश का उल्लंघन किया है क्योंकि सरकार ने कहा था कि स्कूल अपनी मर्जी से फीस नहीं बढ़ा सकते अगर बढ़ाने भी पड़े तो 10 फ़ीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ा सकते। बता दें कि स्कूल की वर्ष 2022-23 में यही फीस 1670 रुपए प्रतिमाह थी जिसे इस वर्ष 2118 रुपए कर दिया गया है। यही नहीं, पंजाब सरकार की तरफ से बनाई गई वेबसाइट epunjabschool.gov.in पर कानूनी तौर पर दर्शायी जाने वाली फीस की राशि शून्य दिखाई गई है। इसका साफ मतलब है कि स्कूल ने सरकार के निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया और वेबसाइट अपडेट नहीं की। दूसरी तरफ पंजाब के ‘काबिल’ जिला शिक्षा कार्यालय ने भी कभी नियमों को पूरा किया गया या नहीं इसे चैक करने की कोशिश नहीं की। डीईओ कार्यालय के तहत आते एमआईएस विभाग की यह जिम्मेदारी है कि वह समय-समय पर स्कूलों के लिए निर्धारित नियमों की पालना हुई या नहीं इसकी जांच करे। डीईओ कार्यालय के हालात तो ये हैं कि संबंधित अफसर और उनकी टीम स्कूलों के खिलाफ आने वाली शिकायतों का निपटारा करने के बजाय निजी स्कूलों का अधिक पक्ष लेते दिखाई देते हैं।

एक्शन लेते हुए मान्यता को रद्द करे सरकार : अभिभावक

पंजाब पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और ह्यूमन राइट्स प्रैस क्लब के वाइस प्रेजीडेंट कमलदीप सिंह ने स्वामी मोहन दास पब्लिक स्कूल द्वारा मासूम बच्चों के साथ की गई इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। कमलदीप सिंह ने स्कूल की इस कार्रवाई को देश के कानून की खुलेआम उल्लंघना बताते हुए जिला प्रशासन और संबंधित डीईओ कार्यालय से तुरंत हस्तक्षेप की अपील करते हुए स्कूल की मान्यता अविलंब रद्द करने की मांग की है। कमलदीप सिंह ने जिला प्रशासन 1 को अपील के साथ-साथ चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर निजी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की तो पेरेंट्स को न्याय दिलवाने और बच्चों की शिक्षा को सुरक्षित करने के उद्देश्य से वह स्कूल और जिला प्रशासन के खिलाफ सीएम भगवंत मान तक इस मामले को सीधे तौर पर पहुंचाएंगे।

हफ्ते के अंदर कर देंगे शिकायत का निवारण,: डीईओ

डीईओ एलीमेंट्री जरनैल सिंह ने कहा कि हफ्ते के भीतर डीईओ ऑफिस पेंडिंग शिकायत का निवारण कर देगा। बच्चों को स्कूल में प्रवेश न दिए जाने के पूछे गए प्रश्न पर डीईओ ने कहा कि स्कूल द्वारा की गई यह कार्रवाई गलत है स्कूल को ऐसा नहीं करना चाहिए था और वह स्कूल के खिलाफ जल्द ही एक्शन लेंगे।

हमने किसी को गेट से नहीं निकाला, बच्चों के अभिभावकों को पहले ही सूचना दे दी थी : स्कूल मैनेजमेंट

स्वामी मोहन दास मॉडल के चेयरमैन लवेंदर वर्मा ने कहा कि फिर भी बच्चे को गेट से बाहर नहीं निकाला गया है ना ही कोई राइट टू एजुकेशन एक्ट का उल्लंघन किया गया है वह पेशे से वकील भी है और अच्छी तरह से कानून को जानते हैं अगर राइट टू एजुकेशन का पूरा लाभ लेना है तो पेरेंट्स बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ा है अगर सरकारी स्कूल में सीटें फुल हो जाएं तो वह अपने स्कूल में दाखिला दे देंगे।