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विरोध, विवाद के बाद ‘आदिपुरुष’ पर अब सियासत और तेज, मामला गरमाया

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‘आदिपुरुष’ फिल्म के रिलीज होने के बाद से लगातार विवाद जारी है. फिल्म के संवाद को लेकर सबसे अधिक विरोध हो रहा है. इसी बीच अब मामला सियासी भी हो चला है. कांग्रेस और आप जहां एक तरफ बीजेपी को घेर रही हैं, तो वहीं फिल्म के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर ने अपनी सफाई में कहा कि रामायण पर बेस्ड फिल्म के लिए ये डायलॉग को जानबूझकर ऐसा रखा गया है.

अरबों रुपये के बजट से बनी फिल्म आदिपुरुष बड़े परदे पर रिलीज तो हो गई है, लेकिन साथ में विवादों का पिटारा भी लेकर आई है. आरोप है कि फिल्म में मर्यादापुरुषोत्तम राम के साथ और रामायण की मूल भावना के साथ मजाक किया गया है. दिल्ली हाईकोर्ट में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग के साथ याचिका दाखिल कर दी गई है. सवाल है कि क्यों बार-बार हिंदू धर्म से जुड़ी फिल्मों में ही आस्था और भावनाओं से खिलवाड़ करने का आरोप लगता है. सवाल ये भी है कि क्या फिल्म पर विवाद खड़ाकर अभिव्यक्ति की आजादी पर ताला जड़ने की कोशिश हो रही है.

आदिपुरुष को लेकर जो सवाल खड़े हो रहे हैं, उनमें सबसे अधिक आपत्ति फिल्म के संवाद (डायलॉग) को लेकर है. हनुमान जी हो या फिर सीता मैया, रावण हो या फिर वानर सेना. आपत्तियों की एक लंबी लिस्ट है, जो आदिपुरुष के ट्रेलर के साथ ही शुरू हो गई थी. टीजर रिलीज के साथ खड़े हुए विवाद के बाद फिल्म में कई बदलाव किए गए, लेकिन विवादों का सिलसिला नहीं थमा. सबसे बड़ा विवाद फिल्म के डॉयलॉग को लेकर हैं. जो फिल्म रिलीज के बाद जनता के सामने आए. मसलद लंकादहन के वक्त भगवान हनुमान का संवाद जिसमें वो कहते हैं,

मनोज मुंतशिर नेकहा- हमारे यहां दादियां, नानियां जब कथाएं सुनाती थीं, जो इसी भाषा में सुनाती थीं. हनुमान के डायलॉग के बारे में मनोज ने कहा- ये डायलॉग इस देश के बड़े-बड़े संत, बड़े-बड़े कथावाचक ऐसे ही बोलते हैं जैसे मैंने लिखा है. मैं पहला नहं हूं जिसने ये डायलॉग लिखा है. ये पहले से लिखा जा चुका है.